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कोरोनावायरस, एक प्रकार का वायरस है जोकि कोरोनाविडी फैमिली से संबंधित है। कोरोनावायरस के सैकड़ों प्रकार है, जोकि ज्यादातर चमगादड़, सूअर, बिल्लियों और ऊंटों जैसे जानवरों के शरीर में पाये जाते हैं।
इन कोरोना वायरसों का नाम इनकी मुकुट जैसी बनावट के आधार पर रखा गया है। इनकी सतह पर कई सारे स्पाइक्स होते है, जो दिखने में मुकुट के ऊपर लगे बिंदु जैसे प्रतीत होते हैं।
इनकी खास बात यह है कि, ये वायरस आरएनए के केवल एक कतरे से बने होते हैं।
कोरोनावायरस, मोटे तौर पर 4 प्रकार के होते है, जैसे अल्फा, बीटा, गामा, और डेल्टा। इन सभी कोरोना वायरस में से केवल 7 वायरस ही मनुष्यों को संक्रमित करते है, जिनमें से केवल चार,को ही कम या मध्यम बीमारी का कारण माना जाता है। ये वायरस काफी आम हैं, जिनसे सर्दी जैसी आम समस्या होती है:
1. एच-सीओवी 229E (अल्फा कोरोनावायरस)
2. एच-सीओवी NL63 (अल्फा कोरोनावायरस)
3. एच-सीओवी OC43 (बीटा कोरोनावायरस)
4. एच-सीओवी HKU1 (बीटा कोरोनावायरस)
बाकी बचे 3 वायरस की पहचान पिछले केवल 20 साल में ही हुयी है। इन वायरस के कारण होने वाला संक्रमण, अधिक जटिलताओं और मृत्यु का कारण माना जाता हैं। ये वायरस इस प्रकार हैं:
1. सार्स कोरोनावायरस (सार्स-सीओवी): जिसके कारण सिवियर अक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स) महामारी हुयी थी, जो नवंबर 2002 में शुरू और 2004 (बीटा कोरोनावायरस) में समाप्त हुयी थी।
2. मर्स कोरोनावायरस (मर्स-सीओवी): जो मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (मर्स) महामारी का कारण बना था, जो सितंबर 2012 में शुरू हुआ था और जिनके कुछ छिटपुट मामले आज भी सामने आते हैँ।
3. सार्स कोरोनावायरस 2 (सार्स-सीओवी-2): यह वायरस वर्तमान महामारी के लिए जिम्मेदार है, जो चीन के वुहान शहर में दिसंबर 2019 में शुरू हुआ था और अभी भी फैल रहा है।
कोविड-19 या कोरोनावायरस रोग 2019, सार्स कोरोनावायरस 2 के कारण होने वाला संक्रमण है, जिसे पहले 2019 नॉवल कोरोनावायरस (जिसका अर्थ है नया कोरोनावायरस 2019) कहा जाता था। कोविड-19 का पहला मामला 2019 के अंत में चीन के वुहान शहर में सामने आया था। इसकी उत्पत्ति का स्थान वुहान का वेट सीफूड और पोल्ट्री बाजार माना जाता है। इसे संभवतः चिमगादड़ से उत्पन्न माना जाता है। इस वायरस की आनुवंशिक बनावट आज से दो- तीन साल पहले चीन में पाये गये चिमगादड़ के वायरस से 88 प्रतिशत मिलती है, जिससे कोविड-19 होता है।
हालांकि, इस सिद्धांत को कई कमियों के कारण चुनौती दी गई है, और सटीक स्रोत की जांच अभी भी अंतरराष्ट्रीय निकायों द्वारा की जानी है।
2019 के अंत में चीन में पहला मामला सामने आने के बाद से, 11 मार्च 2020 में डब्ल्यूएचओ द्वारा महामारी घोषित किये जाने तक, यह दुनिया के 1 लाख से अधिक लोगों को संक्रमित कर चुका है। यह अब तक विश्व के 113 देशों में फैल चुका है, जिससे लगभग 4292 मौतें हो चुकी हैं (11 मार्च 2020 तक के आँकड़े)।
चीन ने इस महामारी के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए, 1 जनवरी से वुहान वेट मार्केट को बंद कर दिया था, और अपने नागरिकों पर लगे प्रतिबंधों को बढ़ा दिया था। हालांकि, चीन तथा अन्य देशों के बीच अनियंत्रित हवाई यात्रा के कारण यह महामारी कई देशों में फैल चुकी है, जिससे दुनिया के लगभग सभी देश प्रभावित हुये हैं।
मई के महीने तक अमेरिका, ब्रिटेन, स्पेन, फ्रांस और इटली आदि देशो में इस महामारी का भय़ानक रूप सामने आय़ा, जहाँ इस संक्रमण से ग्रसित लोगों की म्रत्यु दर काफी अधिक थी।
भारत में, इस महामारी से प्रभावित लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। मई के अंत तक भारत में मरीजों की संख्या बढ़कर 1 लाख से अधिक होने का अनुमान है।
कुछ मरीजों में इस महामारी के कोई भी लक्षण दिखायी नहीं देते है। वहीँ दूसरी ओर कुछ मरीजों के लिये यह महामारी काफी गंभीर लक्षण पैदा करती और जानलेवा साबित होती है।
वायरस से संक्रमित बिना लक्षण वाले मरीज, समुदाय के बीच संक्रमण के प्रसार का कारण माने जाते हैंं।
इनक्यूबेशन अवधि: वायरस के एक्सपोजर से लेकर, लक्षणों के विकास के बीच तक का समय है। यह वर्तमान में 1 से 14 दिनों माना जाता है।
• खांसी, जो ज्यादातर सूखी होती है, लेकिन कभी-कभी थूक भी निकल सकता है- सबसे आम लक्षणों में से एक (80 प्रतिशत से अधिक)।
• बुखार (80 प्रतिशत से अधिक)– यदि खांसी के साथ आता है, तो कोविड-19 संक्रमण की संभावना काफी बढ़ जाती है। बुखार आमतौर पर 102 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर होता है। अधिक उम्र या कम प्रतिरक्षा वाले लोगों को शायद बुखार नहीं भी हो सकता है।
• थकान जो आम तौर पर व्यापक हो सकती है। शरीर में दर्द।
• सुँघने या स्वाद की भावना की हानि या परिवर्तन। यह कोविड-19 संक्रमण के साथ तेजी से जुड़ा पाया गया है, और अब इसे अत्यधिक जानने वाले लक्षण के रूप में माना जाता है।
• गले में खराश, छींक आना या नाक बहना।
• सांस लेने में दिक्कत। यह उन लोगों में देखा जाता है जो मध्यम से गंभीर मामलों को विकसित करते हैं, और जिन्हे सांस लेने में कठिनाई होती है। यह एक खतरनाक संकेत माना जाता है, जिसमें तुरंत चिकित्सा मदद की आश्यकता होती है।
• सिरदर्द- कम आम
• मतली, उल्टी या दस्त– असामान्य
• कुछ मामलों में सीने में दर्द भी देखने को मिला है।
• थूक में रक्त- दुर्लभ मामलों में देखा जाता है।
• कोविड टोज और त्वचा चकत्ते- ये असामान्य हैं। इन्हे अन्य वायरल संक्रमणों के साथ भी देखा जा सकता है। हालांकि, यह दूसरों वायरस की तुलना में कोविड-19 वायरस के साथ अधिक पाया गया है। कोविड टोज उंगलियों और पैरों के क्षेत्रों में लाल रंग के रूप में मौजूद हो सकता है। इसका सही कारण ज्ञात नहीं है; हालांकि, यह सोचा जाता है कि त्वचा की प्रतिक्रिया या उंगलियों में छोटी रक्त वाहिकाओं की रुकावट इसके पीछे कारण हो सकती है।
बच्चों को वयस्कों के समान ही लक्षण होते है; हालांकि, उनमें इसे मामूली बीमारी माना जाता है।
यह संक्रमण एक सप्ताह या उससे अधिक की अवधि में, में हल्का या गंभीर हो सकता है, या अचानक खराब हो सकता है, जो जानलेवा जटिलताएं पैदा कर सकता है।
यह जानने के लिए कि, सार्स-CoV-2 वायरस मनुष्यों को कैसे संक्रमित करता है, हमें वायरस के बारे में कुछ बातों को समझने की जरूरत है। वायरस मुख्य रूप से दो घटकों से बना है:
बाहरी प्रोटीन परत: वायरस का बाहरी आवरण प्रोटीन से बना होता है, जिसमें स्पाइक जैसे प्रोजेक्शन होते हैं, जो वायरस को मानव कोशिकाओं की सतह पर चिपका देते हैं, और जिससे वह शरीर के अंदर प्रवेश कर जाता है।
आंतरिक आनुवंशिक सामग्री: वायरस के अंदर एक सिंगल-स्ट्रैन्ड आरएनए होता है, जो नए वायरस का उत्पादन कर सकता है। हालांकि, यह वायरस तब तक नहीं बढ सकता है, जव तक कि उसे वायरस कोशिकाओं का उत्पादन करने के लिए मानव कोशिकायें न मिलेँ।
माना जाता है कि, सार्स-सीओवी-2 वायरस के बढ़ने के लिए, मानव कोशिकाओं पर मौजूद ACE2 रिसेप्टर्स, काफी अनुकूल होते है। ये श्वसन प्रणाली, विशेष रूप से फेफड़ों में मौजूद होते हैं। ये शरीर के अन्य अंगों में भी पाए जाते हैं, जैसे दिल, लिवर, किडनी आदि।
माना जाता है कि, यह वायरस मानव शरीर में, नाक, मुंह और आंखों के जरिए प्रवेश करता है। इसके बाद यह, यह श्वसन तंत्र की म्यूकस परत से खुद को जोड़ता है, और ACE2 रिसेप्टर्स के माध्यम से मानव कोशिकाओं में प्रवेश करता है। मानव कोशिकाओं के अंदर पहुँचने के बाद, यह प्रोटीन बनाने वाले तंत्र पर नियंत्रण कर लेता हैं। यहाँ से, यह वायरस, मानव कोशिकाओं की मदद से लाखों वायरस पैदा करके, उसे शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैला देता है।
ये वायरस एक विशेष प्रकार की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं जिन्हें, सिलियरी कोशिकाएं कहा जाता है। इन कोशिकाओं में बालों की तरह प्रोजेक्टर होते हैं, जो श्वसन तंत्र से बलगम (श्वसन तंत्र में सुरक्षात्मक तरल पदार्थ) को बाहर निकालने के लिए लयबद्ध तरीके से काम करते हैं। इन कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर यह वायरस फेफड़ों के भीतर बलगम के जमने का कारण बनता है। और इस तरह हवा से ऑक्सीजन को फेफड़ों में जाने मे परेशानी पैदा करता है।
इसके साथ-साथ, वायरल इंफेक्शन में बढ़ोतरी, इम्यून सिस्टम को उत्तेजित करती है। इस तरह, संक्रमण से लड़ने के लिए फेफड़ों में इम्यून सेल्स का संचार होता है। कोरोनावायरस के मध्यम से गंभीर मामलों में, संक्रमण के परिणामस्वरूप एक अनियंत्रित प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होती है। इससे फेफड़ों की सामान्य कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है, जो फेफड़ों में तरल पदार्थ के लीक होने का कारण बनता है, जिससे ऑक्सीजन को अंदर लेने की क्षमता और कम हो जाती है। जैसे-जैसे नुकसान बढ़ता जाता है, वैसे- वैसे साँस लेने में दिक्कत बढ़ती जाती है। ऐसी स्थिति में श्वास मशीन या वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है।
गंभीर रूप से बीमार मरीजों में, यह संक्रमण शरीर के दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुँचाता है, जिससे अँग ठीक से काम करना बंद कर देते हैं, जोकि अंत में जानलेवा साबित होता है।
यह माना जाता है कि, नुकसान बेकाबू प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया और/या वायरल संक्रमण का ही परिणाम है।
• हृदय और रक्त वाहिकाएं: यह संक्रमण, गंभीर रूप से बीमार रोगियों में, कम रक्तचाप (लो बीपी), दिल की अनियमित लय (इरेगुलर रिदम), और दिल की क्षति आदि समस्याये पैदा करता है।
• गुर्दे की क्षति: कई अध्ययनों से पता चला है कि, यह बीमारी गुर्दे को गंभीर क्षति पहुचाँती है। वुहान में एक अध्ययन में 27 प्रतिशत रोगियों में एक्यूट किडनी फेलियर पाया गया है। इनमें से अधिकांश मरीज या तो बुजुर्ग थे, या उन्हें उच्च रक्तचाप (हाई बीपी) या दिल की विफलता (हार्ट फेलियर) जैसे कुछ पुराने रोग थे।
• लिवर की क्षति: कुछ अध्ययनों से यह पता चला है कि, यह बीमारी लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाती है।
• प्रतिरक्षा प्रणाली: प्रतिरक्षा प्रणाली का कार्य, वायरस सहित अन्य रोगाणुओं पर हमला करके, उनसे शरीर की रक्षा करना है। हालांकि, कभी-कभी गंभीर संक्रमण एक तेज प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर कर सकता है। इस तेज प्रतिक्रिया के कारण, शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है, जिससे बहु-अंग विफलता (multi-organ failure) जैसी जानलेवा समस्या उत्पन्न हो जाती है।
इस बीमारी में साइटोकिन स्टोर्म नामक एक विशेष प्रकार की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया भी देखी जाती है, जहां साइटोकिन नामक प्रोटीन अत्यधिक मात्रा में रिलीज होता है। इससे, दिमाग सहित शरीर के अन्य हिस्सों को व्यापक नुकसान हो सकता है।
• यह भी पाया गया है कि बच्चे इस संक्रमण से काफी हद तक सुरक्षित है, और यदि वह संक्रमित हैं भी, तो वह ज्यादा गंभीर नहीं है। यह संक्रमण के खिलाफ बच्चों में देखी गयी कम जटिल प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के कारण माना जाता है ।
• दिमाग और तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम): कई अध्ययनों से यह पता चला है कि, कोविड-19 की वजह से दिमागी समस्याये पैदा हो रहीं हें। इस बीमारी को अब अक्यूट सेरेब्रोवास्कुलर डीजीज, एन्सेफेलोपैथी, विरोध और मानसिक भ्रम पैदा करने के लिए जाना जाता है।
इस महामारी प्रसार मुख्य रूप से, एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में श्वसन बूंदों के माध्यम से होता है। ऐसा माना जाता है कि, यह वायरस हवा में मौजूद साँस की छोटी-छोटी बूँदो में मौजूद होते हैं। ये बूँदे व्यक्ति द्वारा खांसने, छींकने या बातचीत करने से पैदा होती है। ये बूंदें बहुत हल्की होती हैं, और हवा में तैरकर एक से दूसरी जगह जा सकती हैं। इस प्रकार सीडीसी नें, लोगों को एक दूसरे से कम से कम 6 फुट या 2 मीटर की दूरी बनाये रखने की सलाह दी है ।
क्या कोरोनावायरस एक हवाई रोग है- अधिक जानें?
कई देशों में किये गये अध्ययनों से यह पता चला है कि, वायरस एक स्वस्थ दिखने वाले संक्रमित व्यक्ति से भी फैल सकता है, जिसे एसिम्प्टोमैटिक कैरियर कहा जाता है। इन व्यक्तियों में आमतौर पर कोई लक्षण विकसित नहीं होते हैं, या फिर लक्षणों के विकसित होने में कई दिन लगते है। एक अध्ययन से पता चला है कि, संक्रमित व्यक्ति लक्षण विकसित करने से पहले, 1 या 2 दिनों में अपने चरम पर वायरस रिलीज करता है।
सतह से फैलना: जब कोई व्यक्ति किसी ऐसी सतह को छूता है, जिस पर वायरस मौजूद होता है, और जब उ्न्हीं हाँथों से वह चेहरे, मुंह, नाक या आंखों को छूता है, तो यह वायरस तब भी फैल सकता है। हाँलांकि, इसे वायरस के प्रसार की एक प्राथमिक विधि के रूप में नहीं माना जाता है।
संक्रमित मल से फैलना: संक्रमित व्यक्ति के मल द्वारा वायरस के प्रसार पर विचार किया गया है, लेकिन यह पूरी तरह से सिद्ध नहीं हुआ है। कुछ अध्ययनों में संक्रमित व्यक्ति के मल में वायरस पाया गया है, जो इस धारणा का समर्थन करता है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, वायरस के संपर्क में आने पर किसी को भी यह संक्रमण हो सकता है। कई बाहरी, और आंतरिक जोखिम कारक, संक्रमण के फैलने और गंभीर बीमारी विकसित करने की संभावना निर्धारित करते हैं। ये नीचे दिए गए हैं:
1. सरकारी अधिकारियों द्वारा निर्धारित, बीमारी के फैलाव क्षेत्र या इलाके की हाल ही में यात्रा का इतिहास।
2. संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट संपर्क। निकट संपर्क का मतलब, संक्रमित व्यक्ति से 2 मीटर या 6 फीट की दूरी के अँदर संपर्क।
3. व्यावसायिक जोखिम कारक। डॉक्टरों, नर्सों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों में, संक्रमित रोगियों या सामग्रियों की नियमित देखरेख के कारण संक्रमण की दर अधिक पाई गई है। एक अन्य समूह जो प्रभावित हुआ है, वह पुलिस अधिकारी हैं, जो संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने के कारण संक्रमित हुये हैँ।
1. आयु: डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि, सभी आयु समूह कोविड-19 से प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, मध्यम आयु वर्ग या उससे अधिक उम्र के लोग, विशेष रूप से 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को गंभीर बीमारी और उसकी जटिलताओं को विकसित करने का खतरा अधिक है। |
2. सेक्स: पुरुषों को महिलाओं की तुलना में अधिक प्रभावित पाया गया है |
3. अंतर्निहित रोगों या चिकित्सा शर्तों वाले लोग |
• लंबे समय से चली आ रही फेफड़ों की बीमारी (सीओपीडी, मध्यम से गंभीर अस्थमा और अन्य) |
• गंभीर हृदय रोग (होर्ट वाल्व रोग, NYHA 3-4, कोरोनरी आर्टरी रोग या हार्ट सर्जरी का इतिहास) |
• गुर्दे की गंभीर अपर्याप्तता (हीमोडायलिसिस की आवश्यकता) |
• गंभीर हेपेटिक रोग (सिरोसिस ‧स्टेज 4) |
• डायबिटीज मेलाइटिस (खराब नियंत्रित- इंसुलिन पर निर्भर डायबिटीज या जटिलताओं के साथ) |
• मोर्बि़ड मोटापा (बॉडी मास इंडेक्स [BMI] > 40) |
• मेटास्टैसिस के साथ कैंसर |
4. वे लोग जिनकी इम्यूनिटी कम हैं |
• दवा प्रेरित (स्टेरॉयड या प्रतिरक्षा को दबाने वाली अन्य दवाओं का पुराना उपयोग) |
• अंग प्रत्यारोपण के रोगी, जो इम्यूनोसप्रेसिंग के तहत है |
• ब्लड कैंसर |
• कैंसर उपचार जैसे कीमोथेरेपी आदि। |
• CD4 < 200/mm के साथ खराब नियंत्रित एचआईवी |
5. गर्भवती महिलाएं |
स्रोत: डब्ल्यूएचओ और ISIDOG COVID-19, 2020 दिशानिर्देश
आम तौर पर, संक्रमित रोगियों में से लगभग 23 प्रतिशत को ही अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है। हाँलांकि, यह ज्यादा हो सकता है, क्योंकि संक्रमित रोगियों की सही संख्या बहुत अधिक हो सकती है।
भर्ती होने वाले मरीजों को, आमतौर पर अस्पताल में लंबी अवधि (अक्सर 20 दिनों से अधिक) तक रहने की आवश्यकता होती है। यह अक्सर उन्हें अलग-थलग रखने की आवश्यकता, और उन्हें घर भेजने से पहले पीसीआर परीक्षण पर सीरियल नकारात्मक (निगेटिव) परिणामों की आवश्यकता के कारण होता है।
अस्पताल में भर्ती मरीजों, की एक महत्वपूर्ण संख्या जटिलताओं का विकास करती है। निम्नलिखित जटिलताएं हैं:
1. ए्क्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS)- आम जटिलता।
2. सेप्टिक शॉक- सामान्य जटिलता।
3. एक्यूट किडनी इंजरी
4. दिल को चोट (मायोकार्डियल चोट)
5. मल्टी ऑर्गन फेलियर
6. माध्यमिक संक्रमणों का विकास (बैक्टीरियल या फंगल)
7. खून के थक्के
8. गिलेन-बैरे सिंड्रोम
9. नेक्रोटाइजिंग एंसेफेलोपैथी (मस्तिष्क में)
10. कावासाकी रोग
कोविड-19 से प्रभावित लगभग 2 से 3 प्रतिशत लोगों की मौत, पैदा हुयी जटिलताओं के कारण हो जाती हैं। मृत्यु दर देशों के बीच भिन्न होती है, और जब एसिम्प्टोमैटिक मामलों पर भी विचार किया जाता है, तो यह बहुत कम हो सकता है।
Covid-19 में सबसे अधिक मौतें एआरडीएस और मल्टी ऑर्गन फेलियर के कारण होती हैं। अधिकांश मौतें बुजुर्गों और पहले से किसी बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों में देखी जाती हैं।
यह बात ध्यान देना आवश्यक है कि, इस बीमारी से बचने के लिए कोई प्रभावकारी दवाई या टीका उपलब्ध नहीं है। संक्रमण से बचने के लिए, आपको मानक संक्रमण नियंत्रण उपायों का पालन करने की आवश्यकता है। इसका उद्देश्य संक्रमण होने की संभावना को कम करना है।
ये इस प्रकार हैं:
एक दूसरे से, 2 मीटर या 6 फीट की दूरी बनाए रखकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिन्हें गंभीर बीमारी विकसित होने का खतरा अधिक होता है। भीड़ और सामाजिक समारोहों से बचें, क्योंकि कई लोग बिना किसी लक्षण के वायरस लेकर घुमते हैं।
सीडीसी ने सार्वजनिक रूप से बाहर जाने वाले हर व्यक्ति को सलाह दी है कि, वे बाहर जाने से पहले, अपने मुंह और नाक को कपड़े के मास्क से ढकें। सीडीसी ने आम जनता से कहा है कि, वह फेस मास्क का इस्तेमाल न करें,जो डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए है।
कपड़े के मास्क को निम्नलिखित मामलों में टाला जाना है:
• 2 साल से कम उम्र का बच्चा
• सांस लेने में परेशानी से पीड़ित व्यक्ति
• बेहोश व्यक्ति
• वह व्यक्ति जो मास्क नहीं निकाल सकता
सीडीसी ने सभी को सलाह दी है कि, वे अपने हाथ साबुन और पानी से बार-बार धोएं। यह विशेष रूप से सार्वजनिक स्थान से आने के बाद, या छींकने, खांसने या अपनी नाक छीकने के बाद किया जाना चाहिए। वायरस को प्रभावी ढंग से मारने के लिए, हैंडवाशिंग कम से कम 20 सेकंड के लिए किया जाना चाहिए।
यदि साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है, तो व्यक्ति को कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करना चाहिए। आप 70 से 80 प्रतिशत आइसोप्रोपिल अल्कोहल और एथिल अल्कोहल वाले हाथ के सैनिटाइजर का प्रयोग कर सकते हैं।
हर बार जब आप हाथ धोते हैं, या सैनिटाइजर का उपयोग करते हैं, तो आपको हथेली और उंगली के सभी क्षेत्रों को कवर करना चाहिए, और उन्हें एक दूसरे के खिलाफ रगड़ना चाहिए।
हाथ स्वच्छता बनाए रखने के लिए सीडीसी सलाह के बारे में अधिक जानें।
हाथों की सफाई का पालन करने के उपायों को जानें।
खासकर जब आप किसी सार्वजनिक स्थान पर हों या ऐसी जगह पर गये हों।
सीडीसी ने खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढकने की सलाह दी है, यह श्वसन बूंदों के प्रसार को रोकने में मदद करता है, क्योंकि यदि आप वायरस से संक्रमित हैं, तो इन बूँदों में वायरस हो सकता है। सीडीसी ने आपको सलाह दी है कि, आप छींकते और खांसते समय अपने मुँह और नाक को कवर करने के लिए, अपनी कोहनी या एक टिस्यु का उपयोग करें। टिस्यु के उपयोग के बाद उसे, सुरक्षित रूप से बिन में डालें। इसके अपने हाथों को साबुन या हैंड सैनिटाइजर से 20 सेकेंड तर अच्छी तरह से साप करें।
सीडीसी, ने उन सतहों को साफ और कीटाणुरहित करने की सलाह दी है, जिन्हें अक्सर छुआ जाता है। ये सतहें दरवाजे के हैंडल, मोबाइल फोन, कीबोर्ड, लाइट स्विच, टेबल, शौचालय, सिंक और टैप हैंडल हैं। इसे घरेलू ब्लीच, का उपयोग करके किया जा सकता है, जिसमें 5.25 सोडियम हाइपोक्लोराइट होता है। सामान्य घरेलू क्षेत्र को साफ करने के लिए ब्लीच को 1:99 के अनुपात में पानी के साथ मिलायें (1 पार्ट ब्लीच से 99 हिस्सा पानी)।
जिन स्थानों पर ब्लीच का उपयोग नहीं किया जा सकता है, उदाहरण के लिए, धातु, आइटम को साफ करने के लिए आइसोप्रोपाइल 70 प्रतिशत या एथिल अल्कोहल 60 प्रथिशत जैसे अल्कोहल का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
विभिन्न सतहों को साफ करने के तरीके के बारे में अधिक जानें।
भोजन को अ्च्छी तरह से गर्मायें और पकायें। अध-पका या कच्चा खाना खाने से बचें, और इसे पके हुए खाने से दूर रखें। कच्चे मांस और पके हुए भोजन के लिए अलग-अलग चॉपिंग बोर्ड और चाकू का प्रयोग करें। कच्चे और पके हुए भोजन को संभालने के बीच में हाथ धोएं। बीमार जानवरों या बीमारी के कारण मरने वाले जानवरों को नहीं खाना चाहिये।
अपने स्वास्थ्य और किसी भी लक्षण के बारे में सतर्क रहें, जोकि वायरल संक्रमण विशेष रूप से, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, या स्वाद या गंध की भावना की हानि का संकेत दे सकते हैं। यदि आप कोई लक्षण विकसित करते हैं, तो तापमान की जांच करें। किसी भी महत्वपूर्ण लक्षण या बढ़े हुए तापमान के मामले में, तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें और उनकी सलाह का पालन करें।
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